ऑस्ट्रेलिया एवं USA ने Taiwan को UN में बापस लाने का प्रयास शुरू किया, घबराया चीन
हाल के मीडिया रिपोर्ट के अनुसार USA ने ताइवान को UN में बापस लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए है, जिससे ऑस्ट्रेलिया भी जुड़ गया है | दरअसल ताइवान एक समय UN का पार्ट था परन्तु चीन के UN में प्रवेश के बाद ताइवान को कुछ कारण से UN से हटा दिया गया |
ताइवान का भौगोलिक स्थिति चीन के पूरब में बसा एक Iland के रूप में है, जो जापान के भी काफी करीब है, जिसकी राजधानी तायपेई है| चीन ताइवान को चीन का ही एक पार्ट समझता है और हमेशा ही उस पर बल प्रयोग का प्रदर्शन करता रहता है परन्तु ताइवान अपने को एक indepnedent Country समझता है इसी लिए ताइवान अपने को ROC (Republic of China) कहता है जबकि चीन अपने को PRC (Peoples Republic of China) कहता है साथ वो यह भी मानता है की इस विश्व में सिर्फ ही चीन है और वह है PRC| सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि UN में भी ताइवान को एक देश का दर्जा नहीं मिला है मगर कुछ देश ऐसे भी है जो ताइवान को एक देश के रूप में मानते है|
हाल में चीन के वुहान शहर से निकले वायरस की वजह से पूरी दुनिया परेशां है जिसका सबसे अधिक प्रभाव अमेरिका पर पड़ा है, वो भी ऐसे समय में जबकी दोनों के बिच पहले से ही व्यापारिक युद्ध चल रहा है जिससे दोनों देशों के बिच तनाव और अधिक बढ़ गया है| इन्ही कारणों से अमेरिका ने चीन को दंड देने के लिए अपने कांग्रेस में ताइवान को सहयोग करने के लिए एक Taipei Act पास किया है, जिसके तहत अमेरिका इस बात की बकालत करता है और कहता है की ताइवान को UN में कम से कम एक Observer Country के रूप में दर्जा मिले, जिसके लिए अमेरिका बाकि सभी देशो से यह आग्रह करता है की सभी देश ताइवान को सहयोग करने के लिए UN के अन्य सभी समुदायों (body) में आवाज उठए | अमेरिका ने यह भी कहा है की अगर कोई देश ताइवान से अपना सम्बन्ध तोड़ता है या उसका समर्थन नहीं करता है तो अमेरिका द्वारा मिलने वाली सभी तरह की सहायता को बंद कर दिया जायेगा | साथ ही USA ने ताइवान को सहायता करने के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये सभी Social Media Platform पर एक Campaign शुरू कर दिया है जिसे बहुत से देशो से अच्छी प्रतिक्रिया भी मिलने लगी है, जिसमे भारत सबसे आगे है एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के लोग इस Campaign को अमेरिका से भी अधिक तेज़ी से प्रमोट कर रहे है और इसे फैला रहे है | साथ साथ ही अमेरिका ने यह भी कहा है की ताइवान को पूर्ण रूप से अलग कर देना सही नहीं है पहले उसकी बातो को UN में सुना जाता था परन्तु अब नहीं सुना जाता है जो किसी भी तरह सही नहीं है |
मगर यहाँ चीन ने भी अमेरिका को जबाब देते हुए कहा है की अमेरिका जो भी कर रहा है वो गलत है साथ उसे यह याद और कहा की यह उस Resolution 2758 का उलंघन है जिसे 25 October 1971 को UN के General Assembli में सर्व सम्मति से पास किया गया था| इस Resolution के पास होने पर UN में केवल एक चीन को ही मान्यता दी गई थी जो PRC (Public Republic of China) है| उस समय भारत ने भी One China Policy के समर्थन में ही UN में voting किया था | साथ ही चीन ने USA को यह भी याद दिलाया की USA भी निक्सन के समय से ही, और देशों की तरह ही One China Policy को समर्थन करता आया है |
यहाँ देखने योग बात यह होगी की भारत अमेरिका को साथ देता है या चीन को क्योकि एक तरफ जहाँ अमेरिका भारत का सबसे अच्छा मित्र है और भारत का सबसे बड़ा Trading Partner भी, वहीँ चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा Trading Partner और पडोशी भी है जिससे भारत के सम्बन्ध आज के समय बहुत ज्यादा अच्छे नहीं है |
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