युक्रेन-रशिया जंग, देश दुनिया पर प्रभाव और बडती महंगाइ
दोस्तों आज के इस लेख में हम जानने का प्रयाश करेंगे की युक्रेन-रशिया जंग का देश दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ रहा और इसकी वजह से कैसे देश दुनिया में महंगाई अपने चरम पर पहुँच चुकी है साथ ही हम यह भी जानने का प्रयास करेंगे की अब आगे आने वाले समय में कैसे दुनिया में एक बहुत बड़ी भुखमरी आ सकती है और हमारी सरकारें क्या क्या कर सकती है इसे सँभालने के लिए |
जैसा की हम सभी यह जानते है की अभी यूक्रेन और रूस के बिच जंग चल रहा है जो की 24 फरबरी 2022 को रूस के अटैक के बाद शुरू हुआ है, और NATO और सभी बड़े देश आज के समय मात्र मूक दर्शक बनि हुइ है जो मात्र Economic Sanctions के अलावे कुछ और नहीं कर पा रही है |
जंग क्यों
शुरू
हुआ
?
दोस्तों
इस
जंग
के
शुरू
होने
की
कोई
एक
वजह
नहीं
है
इसके
लिए
बहुत
से
कारण
दिए
जा
सकते
है
जिसमे
सबसे
पहले
तो
यूक्रेन
का
NATO
और
EU में
शामिल
होने
की
इच्छा
ही
है
जो
रूस
को
कतई
वर्दास्त
नहीं
हुई
| जिसके
वजह
से
रूस
ने
यूक्रेन
पर
हमला
किया
मगर
यहाँ
पर
मेरी
राय
माने
तो
रूस
की
जगह
पर
कोई
भी
और
देश
अगर
वहां
होता
तो
वो
भी
सायद
रूस
की
तरह
ही
जबाब
देता
जैसा
की
भारत
ने
1971 के जंग
में
पाकिस्तान
के
साथ
किया
था
|
इसका
मुख्या
कारण
यह
है
की
कोई
भी
देश
कैसे
अपने
ही
पदोस
में
किसी
दुश्मन
को
जमीन
देना
वर्दास्त
कर
सकता
है
|
इसके आलावा
मेरी
माने
तो
इस
जंग
का
एक
और
मुख्य
कारण
USA
का
अपना
स्वार्थ
भी
है
क्योकि
अभी
अगर
देखा
जाय
तो
इस
जंग
से
अगर
किसी
को
सबसे
ज्यादा
फायदा
पहुंचा
है
तो
वो
है
USA,
क्योकि
वो
USA
ही
है
जिसके
कच्चे
तेल
की
मांग
दुनिया
भर
बाद
गए
है,
वो
USA
ही
है
जिसका
इकोनॉमी
बढ़ने
वाला
है
जहाँ
बाकि
दुनिया
का
इकोनॉमी
गिरने
वाली
है
क्योकि
इस
के
बाद
ही
USA
का
हथियार
का
व्यापर
भी
बढ़ेगा,
इस
जंग
के
बाद
ही
USA
का
सबसे
बड़ा
दुसमन
रूस
सबसे
कमजोर पड़ने वाला
है
जिसके
कारण
USA
का
प्रभुत्व
दुनिया
पर
और
भी
ज्यादा
मज्बुत होगा
|
इतना
ही
नहीं
USA
का
सबसे
बड़ा
हथियार
उसका
$
है
जिसका
कीमत
लगातार
बढ़
रहा
है
जिससे
USA
दुनिया
में
और
भी
मजबूत
स्थिति
में
सामने
आने
वाला
है
|
क्यों बढ़
सकती
है
देश
दुनिया
में
महंगाई
और
भुखमरी ?
जैसा की
हम
सब
जानते
है
की
कोई
भी
जंग
भले
ही
किसी
देश
के
लिए
कितना
भी
फायदे
मंद
हो
मगर
वहीँ
आम
नागरिक
को
हमेसा
ही
इससे
नुकसान
पहुंचा
है,
और
इस
जंग
के
अंत
में
चाहे
जित
किसी
भी
देश
की
हो
मगर
नुकसान
ना
सिर्फ
उस
देश
के
लोगों
को
होगा
वल्कि
पूरी
दुनिया
के
लोगों
का
होगा|
क्योकि
यह
जंग
भले
कहने
के
लिए
दो
देशों
के
बिच
हो
रहा
है
मगर
यह
वास्तव
में
एक
विश्व
युद्ध
ही
है
जहाँ
एक
तरफ
तो
रूस
और
उसके
कुछ
मुट्ठी
भर
मित्र
मुल्क
है
वहीँ
यूक्रेन
के
साथ
पूरी
दुनिया,
भले
ही
इस
जंग
में
गोला
बारूद
मात्रा
दो
देशों
के
बिच
हो
रहा
है
परन्तु
इकनोमिक
सैंक्शन
के
नाम
लगभग
पूरी
दुनिया
ही
रूस
पर
गोले
बरसा
रही
है
|
पूरी
दुनिया
के
इकनोमिक
सैंक्शन
की
वजह
से
आज
पुरे
रूस
का
इकोनॉमी
वर्बाद
हो
चुकी
है,
साथ
ही
इन
एक
तरफ़ा
सैंक्शन
की
वजह
से
भारत
जैसे
देश
का
इकोनॉमी
भी
हिलती
हुई
नजर
आ
रही
है
क्योकि
इस
सैंक्शन
की
वजह
से
ही
आज
के
समय
पूरी
दुनिया
में
हर
चीज
के
दाम
बढ़ते
जा
रहे
है,
जिसमे
सबसे
बड़ा
योगदान
USA
द्वारा
रूस
पर
लगाया
गया
OIL
Sanction है
जिसके
वजह
आज
पूरी
दुनिया
में
तेल
की
कीमत
में
भरी
उछाल
देखा
जा
रहा
है
क्योकि
रूस
पूरी
दुनिया
में
दूसरे
नंबर
का
कच्चे
तेल
का
निर्यातक
देश
रहा
है|
क्योंकि
जहाँ
कच्चे
तेल
पर
ही
किसी
भी
देश
की
अर्थवयवस्था
निर्भर
करती
है
वही
कच्चे
तेल
के
दाम
में
उछाल
के
कारण
पुरे
दुनिया
भर
के
देशों
की
अर्थवयवस्था
ख़राब
होती
दिख
रही
है|
कच्चे
तेल
के
दाम
में
उछाल
के
कारण
आज
के
समय
हर
वास्तु
की
कीमत
बढ़
रही
है
चाहे
वो
खाने
के
सामान
हो
या
कुछ
और
क्योकि
हर
एक
वास्तु
का
आयत
निर्यात
कच्चे
तेल
से
ही
होता
है
|
एक अनुमान
के
अनुसार
अगर
दुनिया
भर
के
सरकारों
के
द्वारा
अगर
समय
पर
कोई
ठोस
कदम
नहीं
उठाया
गया
तो
आने
वाले
समय
में
खाने
के
सामानों
की
कमी
पड़
सकती
है
या
कुछ
गरीब
देशों
में
भुखमरी
जैसे
हालत
भी
हो
सकते
है
क्योकि
इस
जंग
के
कारण
अभी
ही
सारी
वस्तुओं
के
दाम
बढ़
चुकें
है
|
और
अभी
हम
यह
भी
देख
रहे
है
की
इस
जंग
के
कारण
पहले
ही
गेंहूं
की
कीमत
में
एक
बडी
उछाल
दिख
रही
है
ना
सिर्फ
गेहूं
के
कीमत
में
उछाल
हो
रही
है
वल्कि
दुनिया
भर
में
इसकी
कमी
भी
महसूस
होने
लगी
है
जो
की
दुनिया
के
लिए
एक
चिंता
का
विषय
है,
क्योकि
पूरी
दुनिया
का
लगभग
30% गेहूं रूस
और
यूक्रेन
ही
निर्यात
करता
है
जो
अभी
पूरी
तरह
से
जंग
के
कारन
रुका
हुआ
है
|
क्या कर सकती है सरकारें ?
अब इस
स्थिति
में
जो
सबसे
बड़ा
सावल
है
वो
ये
की
ऐसे
में
सरकारें
क्या
कर
सकती
तो
जहाँ
तक
मेरी
माने
तो
अब
दुनिया
भर
के
सरकारों
के
हाथ
में
करने
के
लिए
ज्यादा
कुछ
नहीं
है,
अगर
कोई
देश
जिसके
पास
$
की
अच्छे
मात्रा
में
है
अर्थात
उनके
पास
पैसे
है तो
वो
तो
कुछ
समय
तक
सायद
कुछ
कर
सकती
है
मगर
ऐसे
देश
जो
पहले
ही
गरीब
है
या
जिनके
पास
पैसे
नहीं
है
वो
सायद
ही
कुछ
कर
पाएंगे
|
भारत क्या
कर
सकता
है
?
मेरी माने
तो
भारत
के
पास
भी
करने
के
लिए
जयादा
कुछ
नहीं
है
क्योकि
भारत
का
USA
के
साथ
भी
अच्छे
सम्बन्ध
है
तो
वही
रूस हमारा
मददगार
और
सबसे
पुराना
मित्र
देश
है,
तो
ऐसे
में
भारत
के
मुश्किलें
और
भी
बड़ी
है
की
वो
किसका
पक्ष
चुने
|
अब
तक
जो
भी
हुआ
है
उसके
अनुसार
भारत
का
यही
कोसिस
रहा
है
की
किसी
भी
तरह
दोनों
ही
देशों
को
खुश
करके
रखा
जाय
और
किसी
का
भी
पक्ष
ना
लिया
जाय
यही
कारन
है
की
रूस
ने
हाल
ही
में
भारत
को
अपने
कच्चे
तेल
पर
25
- 30% की छूट
देने
का
वादा
किया
है
तो
वहीँ
USA
ने
भी
वेनेजुएला
और
ईरान
जैसे
देशों
से
OIL
Sanction हटाने की
पेशकश
की
है
|
मगर
अब
यह
देखना
दिलचस्प
होगा
की
भारत
क्या
करेगा
वो
किस्से
कच्चे
तेल
ख़रीदेगा
|
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