भारत का Forex Reserves/Foreign Exchange Reserves $534.5 billion तक पहुंचा|
RBI के द्वारा प्रसारित एक रिपोर्ट के अनुसार भारत का Forex Reserves/Foreign Exchange Reserves, $11. 938 billions की बढ़ोतरी के साथ $534.5 billion तक पहुँच गया है| दरअसल RBI हर सप्ताह अपने देश के Forex Reserves का रिपोर्ट प्रसारित करती है, यह रिपोर्ट RBI द्वारा 7 अगस्त को प्रसारित किया गया है|
यहाँ सबसे पहले जो बात आती वो ये की Covid-19 महामारी के बावजूद, जहाँ दुनिया के अन्य देशों के Forex Reserves में भरी कमी आई है वही भारत में इतनी पड़ी बढ़ोतरी कैसे हो सकती है| हलाकि किसी भी देश में इस तरह से Forex Reserves में बढ़ोतरी उस देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा होता है, क्योकि जिस देश का Forex Reserves जितना ज्यादा होता है, उस देश का Purchasing Power उतनी ही मजबूत होती है| यह समझने से पहले हमें यह समझना आवश्यक है की Forex Reserves होता किया है?, और यह किसी भी देश में आता कहाँ से है?
दरअसल Forex Reserves की परिभाषा बहुत ही आसान है, जिसके अनुसार किसी देश के पास जितनी विदेशी संपत्ति होती है उसे उस देश का Forex Reserves कहते है| यह किसी भी देश के द्वारा तब उपयोग किया जाता है जब वह देश किसी दूसरे देश से कोई सामान आयात करती है, जैसे पेट्रोलियम, खाद्य पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएँ इत्यादि| किसी भी देश में यह Forex Reserves चार रूप में उपलब्ध होता है|
1. Foreign Currency Assets
2. Gold
3. SDRs
4. Reserve Position in the IMF
किसी भी देश में इनमे से लगभग 90% Foreign Currency ही होता है, क्योकि कोई भी देश तब तक बिदेशी बाजार से कोई सामान नहीं खरीद सकता है जबतक की उसके पास Foreign Currency न हो| Foreign Currency किसी भी देश में बहुत सारे रास्तों से आता है, जैसे Export, FDI (Foreign Direct Investment), FPI (Foreign portfolio investment), Remittances इत्यादि|
इस महामारी के बिच भारत के Forex Reserves में इतनी बड़ी वृद्धि का मुख्य कारण महामारी के कारण पुरे देश में हुआ Lockdown है, क्योकि Lockdown के कारण पुरे देश में विदेशी बाजार से बहुत से सामानों के आयत पर रोक लगा दी गई थी, जिसके कारण इस साल देश बहुत की कम मात्रा में विदेशी मुद्रा देश बाहर गई| Lockdown के कारण ही देश में पेट्रोलियम का आयत भी कम हुआ, जिसके कारण भी देश से विदेशी मुद्रा बाहर नहीं जा सका| इसका एक कारण यह भी था की महामारी के कारण पुरे विश्व में Lockdown की वजह से पेट्रोलियम के कीमत में भरी कमी आ गई थी| एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोलियम की कीमत एक समय Negative में चली गई थी| यही कारण है की देश में जो भी पेट्रोलियम की खरीद की गई उसका कीमत काफी कम होने के कारण देश से बहुत सारा विदेशी मुद्रा विदेशों में जाने से बच गया, कियोकि जनवरी 2020 में पेट्रोलियम की कीमत जहाँ $60 से $70 था, वही Lockdown के समय यह Negative, $9 या $20 तक पहुँच गया था| इसका एक और बड़ा कारण Jio Platforms में आये 1,00,000 करोड़ से भी ज्यादा का Investment है, जिसमे से कुछ फेसबुक के द्वारा किया गया था और कुछ अन्य कंपनियों द्वारा|
भारत में विदेशी मुद्रा में वृद्धि का एक और कारण, 2019 में भारत सरकार द्वारा Corporate Tax में की गई भारी कमी के कारण देश में एक बड़ी मात्रा में आये FDI भी है| यहाँ एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने इस साल पिछले साल की तुलना में Gold का आयत केवल 5% ही कराया है, तो यह भी एक कारण है जिसके कारण यहाँ का विदेशी मुद्रा भण्डार में वृद्धि हुई है| इस साल भारत सरकार ने केवल 11.6 tonnes सोना ही आयात किया है, जबकि पिछले साल भारत सरकार ने लगभग 247 tonnes सोना का आयात किया था|
RBI के एक रिपोर्ट के अनुसार अनुसार पिछले सप्ताह भारत का विदेशी मुद्रा भंडार जहाँ $522.630 बिलियन था, इस सप्ताह यहाँ $11. 938 की भरी उछाल के साथ $534.568 billions तक पहुँच गया| जैसा की निचे दिया गया है|
24 जुलाई 2020 का RBI की रिपोर्ट
31 जुलाई 2020 का RBI की रिपोर्ट
यही कारण है की आज जहाँ दुनिया के अन्य देशों के मुद्रा का value गिर रहा है वहीँ भारत के मुद्रा का Value या तो बढ़ रहा है या फिर इस्थिर है|
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