भारत सरकार ने 101 रक्षा उपकरणों के आयत पर रोक लगाई|
कल (09/08/2020) के The Hindu समाचार पत्र में छापे एक लेख (Article) के अनुसार भारत सरकार ने 101 रक्षा उपकरणों के आयत पर रोक लगाने का फैसला किया है| इनमे से कुछ ऐसे रक्षा उपकरण है जिनपर दिसंबर 2020 से ही रोक लगा दी जाएगी और कुछ ऐसे उपकरण है जिनपर 2021 और 2024 तक पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी| भारत सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत अभियान को और मजबूत करेगी| भारत सरकार के इस कदम से आने बाले 6 से 7 सालों में भारत के रक्षा उपकरण बनाने बाली कंपनियों को लगभग 400000 करोड़ तक का व्यापार मिल सकता है|
पूरी दुनिया जानती है की 1947 में भारत के आजाद होने के बाद से ही दो बड़े दुश्मन चीन और पाकिस्तान है, जिनसे मुकाबला करने के लिए हमेशा ही भारत को अपने GDP का एक बड़ा भाग डिफेंस में खर्च करना पड़ा है| और भारत की आज की इस्थिति से तो पूरी दुनिया बाक़िफ़ है, जिससे लड़ने के लिए आज भारत सरकार को केवल डिफेंस क्षेत्र में ही GDP का एक बड़ा हिस्सा खर्च करना पड़ रहा है, जिनमे ज्यादा तर खर्च रक्षा उपकरणों के खरीद पर ही हो रहा है| यही बजह है की भारत आज के समय तीसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है, जो अंतर्राष्ट्रीय बाजार से हथियार खरीदती है| मगर 15 जून 2020 को चीन के साथ हुए संघर्ष (Standoff) के बाद जिस तरह से #boycottchinesproduct मुहीम आगे बड़ी है और साथ ही आत्मनिर्भर भारत का एलान हुआ है, भारत सरकार ने इस मुहीम को आगे बढ़ाने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाये है, भारत का यह कदम भी उनमे से ही एक है| स्वीडन के एक बहुत बड़ी संस्था Stockholm International Peace Reaserch Institute, जो रक्षा के क्षेत्र में रिपोर्ट जारी करती है, कहा है की भारत आने वाले 5 या 6 सालों में लगभग 130 बिलियन USD केवल अपने रक्षा क्षेत्र में खर्च करने वाला है|
अब यहाँ एक बात यह भी आती है की भारत सरकार के इस कदम से किस तरह से आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी| दरअसल जब कोई देश किसी दूसरे देश को किसी भी चीज के आयत के लिए आर्डर देता है तो वह देश न सिर्फ उस देश को विदेशी मुद्रा देता है बल्कि उसे उस बस्तु की दक्षता की गारंटी भी देता है, जिससे उस वास्तु की मांग अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी बाढ़ जाती है और साथ ही उस देश को रोजगार भी देता है, जिससे उस देश के अर्थव्यवस्था को भी मजबूती भी मिलता है| इसीलिए भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है की जो विदेशी मुद्रा और रोजगार भारत दूसरे देश को देता रहा है अब वही रोजगार भारत में सृजित किया जायेगा और एक बड़ी मात्रा का विदेशी मुद्रा भी दूसरे देश जाने से बचेगा|
भारत सरकार के इस निर्णय में न सिर्फ छोटे उपकरण है बल्कि कुछ बड़े उपकरण भी शामिल है, जैसे artillery guns, assault rifles, corvettes, sonar systems, transport aircrafts, LCHs, radars आदि| यहाँ भारत सरकार ने इस बात के भी संकेत दिए है की भारत आने वाले समय में और भी उपकरणों की आयत पर रोक लगा सकती है |अन्य सभी 101 उपकरणों के लिस्ट इस प्रकार है|
भारत सरकार ने यह भी बताया है की सिर्फ इसी साल भारत के रक्षा क्षेत्र के कंपनियों (सरकारी और गैर सरकारी) लगभग 52000 करोड़ का ऑर्डर मिल सकता है और आने बाले कुछ सालों में लगभग 350000 से लेकर 400000 करोड़ तक का आर्डर मिल सकता है| ये सारी बाते भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह एवं भारत के गृह मंत्री श्री अमित साह ने अपने ट्वीट के द्वारा कहा है|
भारत सरकार, भारत के जिन कंपनियों को ये आर्डर दे सकती वो ये हो सकते| ये कम्पनियाँ छोटे से लेकर बड़े और आधुनिक उपकरण बनाने में सक्षम है| इनमे से कुछ इस प्रकार है|
आने वाले समय में भारत सरकार के इस निर्णय का सबसे ज्यादा प्रभाव यहाँ की पिक पर पहुँच चुकी बेरोजगारी पर होगा एवं भारत की GDP पर भी इसका सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है|
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