Encounter Killing क्या है? क्या यह कानूनन मान्य है?
हाल ही में उत्तर प्रदेश में विकाश दुवे के हुए एनकाउंटर के बाद आज के समय देश में एक सवाल उठ खड़ा हुआ है| और वो सवाल है की क्या इस तरह के एनकाउंटर सही है? क्या इसके लिए हमारा संविधान इजाजत देता है?
तो दोस्तों इसका उत्तर है नहीं, हमारे संविधान के IPC (Indian Penal Code), जो सभी प्रकार के गुनाह और उसके लिए बने सजा से सम्बंधित है, में इसका जिक्र नहीं किया गया है| दरअसल Encounter Killing को कुछ अन्य नामो से भी जाना जाता है जैसे Retaliatory Killings एवं Extra - Judicial Executions| वास्तव में हमारा संविधान सभी देश वासियों को यह अधिकार देता है की वह व्यक्ति अपनी और अपनी संपत्ति की आत्मरक्षा में कुछ बड़े कदम उठा सकती है, जिसमे किसी की जान भी जा सकती है| दरअसल इस अधिकार का प्रयोग न सिर्फ अपने जान और संपत्ति वल्कि किसी दूसरे व्यक्ति के जान और संपत्ति के बचाव के लिए भी किया जा सकता है| मगर IPC में लिखित Section 96 से 106 का प्रयोग पुलिस द्वारा इस तरह के Encounter, justify करने के लिए किया जाता है| IPC की धारा (Section) 97 में यह कहा गया है की देश का कोई भी नागरिक चाहे वो पुलिस में या कोई आम नागरिक, सभी को यह अधिकार है की वह अपनी और किसी भी और नागरिक की आत्मरक्षा एवं उसकी किसी भी प्रकार की संपत्ति की रक्षा के लिए कुछ बड़े कदम उठा सकती है| मगर यहाँ इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है की कल को अगर कोई आपका फ़ोन चोरी करके भाग रहा हो और आप उसे मार दे, क्योकि इसके बाद आपको कोर्ट में यह सावित भी करना होगा की आपने इस तरह के कदम क्यों उठायें, जो काफी कठिन होता है अगर वह कोई Fake Encounter हो|
अब हम बात करते है Fake Encounter की | दरअसल जब भी कही कोई एनकाउंटर होता है तो हमारे सामने यह सवाल आ खड़ा होता है की क्या वह Fake Encounter है या आत्मरक्षा में किया गया एनकाउंटर| देश के किसी भी राज्य में छह महीने में जितने भी एनकाउंटर किये जाते है उनकी जानकारी वहां के प्रमुख अधिकारी द्वारा NHRC (The National Human Rights Commission) को दिया जाता है| NHRC द्वारा जारी किये गए रिपोर्ट के अनुसार January 1, 2015 से March 20, 2019 तक देश में लगभग 210 Fake Encounter register किये गए है| यहाँ यह नहीं कहा जा रहा है की यह सभी Fake है, वल्कि जाँच के बाद आये रिपोर्ट के अनुसार यह कहा जा रहा है की ये Fake Encounter हो सकते है| दरअसल जब भी कोई Encounter किया जाता है तो इसके बाद एक जाँच प्रक्रिया भी पूरी की जाती है जिसके तहत यह पता किया जाता है की यह Encounter, Fake है या नहीं| और इसी के आधार पर इस तरह के रिपोर्ट जारी किया जाता है| और यह जाँच जिस राज्य में Encounter किया गया है वहां की CID या वहां के किसी दूसरे थाने के पुलिस कर्मी द्वारा किया जाता है| एक प्रावधान के अनुसार जो पुलिस कर्मी एनकाउंटर करता है उसे अपनी wapons भी surrendor करनी पड़ती है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना पड़ता है की जिस केस में एनकाउंटर किया गया है उसका एक लिखित रिपोर्ट भी उपलब्ध हो| इस तरह के केस में विक्टिम के परिवार को यह अधिकार दिया जाता है, विक्टिम का परिवार अविश्वास की स्थिति में कोर्ट में पुलिस के खिलाफ केस कर सकता है|
No comments:
Post a Comment
Please Don't Enter Any Spam Link and also don't enter any Adult Word in Comment Box.