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Sunday, July 19, 2020

चीन की GDP का 3.2% की वृद्धि के साथ उछाल, दुनिया Surprise


चीन की GDP का 3.2% की वृद्धि के साथ उछाल

हल में 16 July को The Hindu में एक Article Publish किया गया है जिसमे यह कहा गया है की चीन ने अचानक से अपने दूसरे तिमाही (Second Quarter) में इस कोरोना महामारी के बिच अपनी GDP को 3.2% की वृद्धि (Growth) के साथ बापस से पटरी पर ला दिया है| यहाँ मैं आपको यह बताना चाहता हूँ की चीन का वित्तीय वर्ष (
Financial Year) 1 January To 31 December का होता है| जहाँ चीन की GDP पहले तिमाही में (First Quarter) 6.8% के साथ मंदी (Slump) का सामना कर रही थी वहीँ अब 3.2% की वृद्धि (Growth) किसी भी देश के लिए अचरज (Surprise) की बात है| ये सिर्फ अचरज की ही नहीं बल्कि किसी भी देश की Economy के लिए Learning का भी सबब है| क्योकि हम सभी जानते है की आज पूरी दुनिया की GDP कोरोना महामारी की बजह से मंदी का सामना कर रही है वहीँ किसी देश में इतनी बड़ी वृद्धि पूरी दुनिया को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है| मगर इन सब के बिच एक सवाल यह उठता है की जहाँ अमेरिका जैसे देश, जो अपनी GDP को पटरी पर लाने के लिए अपनी GDP का एक बड़ा हिस्सा खर्च (Expense) कर रही है, मगर फिर भी उसकी GDP पटरी पर नहीं आ सकी है तो चीन ने अपने GDP को पटरी पर लाने के लिए ऐसा किया किया है की उसकी GDP इतनी जल्दी 3.2% बृद्धि हासिल कर पाई है?

इस प्रश्न का आज के समय सिर्फ एक ही उत्तर दिया जा सकता और ये सिर्फ मैं नहीं कह रहा बल्कि यह दुनिया के कुछ बड़े अर्थशास्त्री (Economist) द्वारा तर्क दिया गया है |  जिसके अनुसार किसी भी देश की GDP सिर्फ उसके ज्यादा खर्च  (Expense) पर ही निर्भर नहीं करती बल्कि उस खर्च (Expense) की Quality पर भी निर्भर करती है| आज के इस महामारी के समय सिर्फ Expense Quality ही नहीं बल्कि किसी भी देश की GDP इस बात पर भी निर्भर करती है की उस देश ने इस कोरोना महामारी को अपने देश में किस प्रकार से रोका है या यूँ कहें की किसी भी देश ने अपने देश में कोरोना को रोकने में कितनी सफलता पाई है| क्योंकी आज के समय कोरोना महामारी की बजह से जहाँ दुनियाँ में ज्यादा तर लोगों की नौकरियाँ जा चुकी है वहीँ आज के समय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (Innternational Business) भी ठप्प हो चूका है| अर्थशास्त्रियों द्वारा यह तर्क इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि IMF (International Monetry Fund) के द्वारा प्रसारित (Publish) एक रिपोर्ट के अनुसार जहाँ  इस कोरोना महामारी से लड़ने के लिए अमेरिका (US), जापान(Japan) एवं जर्मनी(Germany) जैसे देशों में ने अपने GDP का 11%, 20% एवं 34% खर्च करने का प्रयास किया है वही चीन ने अपने GDP को पटरी पर लाने के लिए सिर्फ 2.5% का ही खर्च किया है| 

अब हम यहाँ यह जानने का प्रयास करते हैं की चीन ने ऐसा क्या किया है, किस तरह उसने अपने खर्च को प्रबंधित (Manage) किया है| दरअसल हम जानते है की हर देश के GDP की वृद्धि अलग-अलग तत्वों पर निर्भर करता है जैसे भारत और चीन जैसे देशों की GDP में सबसे बड़ा योगदान उस देश के उपभोग (Consumption) का होता है, जबकि जापान एवं इजराइल जैसे देशों की GDP निर्यात (Export) पर निर्भर करती है, इन तत्वों में  बृद्धि ही उस देश की GDP को बढ़ाता है| यहाँ एक रिपोर्ट के अनुसार चीन ने न सिर्फ अपने देश में कोरोना को हराया है बल्कि उसने अपने GDP को पटरी पर लाने के लिए अपने देश के उपभोग को भी बढ़ाने का प्रयास किया है, जिसका परिणाम आज उसके GDP में 3.2% की वृद्धि के साथ बापसी (Bounce Back) के रूप में देखा जा रहा है| 

हम सभी जानते है की भारत ने भी अपने GDP को सँभालने के लिए 20 लाख करोड़ रूपये का खर्च करने का प्रयास किया है परन्तु मैं आपको यह बताना चाहता हूँ की भारत सरकार ने यह पैसा Direct न खर्च करके इसे लोन (Loan) के रूप में खर्च करने का प्रयास किया है, जिससे कुछ हद्द तक व्यापार जगत को तो Boost मिला है परन्तु आम आदमी तक इसका लाभ तुरंत (instantly) नहीं पहुँच पाया है जिससे यहाँ की Consumption को वो रफ़्तार नहीं मिल पाया है जिससे की भारत की GDP में भी वृद्धि हो सके|  मगर भारत के इस कदम से आगे आने वाले समय में कुछ बड़े वृद्धि देखने को जरूर मिल सकती है ऐसा हमारे देश के अर्थशास्त्रियों का कहना है| 

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